तेहरान, ईरान: ईरान ने अपनी धरती पर इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद (Mossad) से जुड़े एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश करने का दावा किया है, जिसके परिणामस्वरूप तीन कथित जासूसों को फाँसी दे दी गई है और 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। ईरानी खुफिया मंत्रालय ने दावा किया है कि यह कार्रवाई मोसाद के “अंडरकवर एजेंट्स” के एक व्यापक नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए की गई है, जो देश की सुरक्षा को अस्थिर करने और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे थे।
कार्रवाई का विवरण
ईरान की न्यायपालिका ने मंगलवार को घोषणा की कि मोसाद से जुड़े होने के आरोप में तीन व्यक्तियों को फाँसी दे दी गई है। इन व्यक्तियों पर देश की सुरक्षा के खिलाफ जासूसी करने और इजरायल के लिए काम करने का आरोप था। हालाँकि, इन व्यक्तियों की पहचान और उनकी गतिविधियों का सटीक विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है।
इसी बीच, ईरानी खुफिया मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया कि उन्होंने मोसाद के एक विशाल नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है और देश भर से 700 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। मंत्रालय ने इन गिरफ्तारियों को “मोसाद के सबसे बड़े जासूसी और तोड़फोड़ नेटवर्क” के खिलाफ एक बड़ी सफलता बताया है। बताया गया है कि ये एजेंट्स विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय थे और उनका उद्देश्य ईरान की सैन्य, आर्थिक और परमाणु गतिविधियों के बारे में जानकारी एकत्र करना था।
ईरानी अधिकारियों के दावे
ईरानी अधिकारियों का दावा है कि ये एजेंट्स विदेशी खुफिया एजेंसियों द्वारा प्रशिक्षित और वित्तपोषित थे। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सूत्रों के अनुसार, इन एजेंट्स को विशेष रूप से महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों को निशाना बनाने के लिए तैयार किया गया था। यह भी आरोप है कि वे ईरान में सामाजिक अशांति फैलाने और विरोध प्रदर्शनों को भड़काने की कोशिश कर रहे थे।
क्षेत्रीय तनाव और आरोप-प्रत्यारोप
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव अपने चरम पर है। दोनों देश एक-दूसरे पर अपने क्षेत्रों में खुफिया गतिविधियों और तोड़फोड़ के आरोप लगाते रहे हैं। इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता रहा है और ईरान के अंदर कई संदिग्ध हमलों और हत्याओं के लिए उस पर आरोप लगते रहे हैं, हालांकि इजरायल शायद ही कभी इन आरोपों की पुष्टि करता है।
ईरान ने पहले भी मोसाद के लिए काम करने वाले कई व्यक्तियों को गिरफ्तार करने और उन्हें फाँसी देने का दावा किया है। इन घटनाओं से मध्य पूर्व में खुफिया युद्ध और भी तेज हो गया है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ रही है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
फिलहाल, इस मामले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, मानवाधिकार संगठन अक्सर ईरान में जासूसी के आरोपों में व्यक्तियों को दी जाने वाली फाँसी की सजा पर चिंता व्यक्त करते रहे हैं, यह कहते हुए कि निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार का अक्सर उल्लंघन किया जाता है।
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि इस कार्रवाई से ईरान और इजरायल के बीच संबंधों पर क्या असर पड़ता है और क्या इससे क्षेत्र में और अधिक खुफिया युद्ध देखने को मिलता है। ईरान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे जासूसी नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए कड़े कदम उठाता रहेगा।