विष्णुदेव सरकार में सभी व्यवस्था,अव्यवस्था में बदल चुकी है:भूपेश बघेल

रायपुर । पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि विष्णुदेव सरकार में सभी व्यवस्था अव्यवस्था में बदल चुकी है। आयुष्मान कार्ड को ही देखिए, एक भी मरीज को इसका लाभ नहीं मिल रहा, सरकार ने एक साल से अस्पतालों का कोई भुगतान नहीं किया है। हमारी सरकार में कभी 24 घंटे में भुगतान हो जाता था।

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल देख लीजिए, कोई बजट नहीं है, चाक और डस्टर खरीदने के पैसे नहीं। जिन्होंने निजी स्कूलों से ट्रांसफर कराकर वहां भर्ती किया था, वापस निजी स्कूलों में ले गए।

धान खरीदी केंद्रों का देख लीजिए, आज स्थिति यह है कि किसान टोकन लेकर भी धान नहीं बेच पाएंगे। सरकार ने राइस मिलर को एक साल से भुगतान नहीं किया। सौर ऊर्जा का देख लीजिए, रेडी टू ईट का हाल देख लीजिए बदहाल है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजीव युवा मितान क्लब को लेकर कहा कि हमारी सरकार के समय युवाओं को सामाजिक कार्यो से जोड़ने के लिये यह बनाया गया था, भाजपा ने भंग कर दिया। युवा खाली है। उनका सम्मेलन था। एक ही मीटिंग से भाजपा तिलमिला गयी। गौठानों को भंग कर दिया। गोठान समितियां महिला स्व सहायता समितियां भी सम्मेलन करने वाली है, मुझको बुलायेगी वहां भी जाऊंगा। इसका मतलब वहां भी नया पार्टी बनाने जाऊंगा।

कांग्रेस पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया, सम्मान दिया, पीसीसी अध्यक्ष बनाया, मुख्यमंत्री बनाया। अनेक बार मंत्री बनाया, मंत्री बनाया लोकसभा, विधानसभा सभी की टिकिट दिया। हर बड़े चुनाव में जिम्मेदारी मिलती है ऑबजर्वर बनाते है मैं क्यों असंतुष्ट रहूंगा?

सीएम के सलाहकार पंकज झा के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा और सरकार के बयान देने वाले नेताओं की हो गई है कमी, सरकार के वेतनमान वाले सलाहकार सरकार चला रहे हैं क्या ? मुझे कांग्रेस पार्टी ने सब कुछ दिया है। साय सरकार को मेरी नहीं अपनी चिंता करनी चाहिए। मुझे युवा, महिला, मजदूर, किसान सभी संगठन के लोग आमंत्रित कर रहे हैं। मैं सभी संगठनों के सम्मेलन में शामिल होता रहूँगा।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ये जो पेमेंट शीट में जो रखे हैं वो ऐसी बातें फैला रहे हैं। बीजेपी में अशांति है, बीजेपी के तमाम बड़े नेता खाली बैठे हैं।प्रेम प्रकाश पांडे, बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल सब खाली बैठे हैं। ये कौन सलाहकार है, कहां का रहने वाला है? छत्तीसगढ़ की सरकार बिहार से चलेगी। इतना राजनीतिक अकाल पड़ गया है बीजेपी में।

राजनीतिक बयान राजनीतिक दे तो कोई बात है, क्या बीजेपी में इतना अकाल पड़ गया, कि विष्णुदेव साय के पक्ष में कोई बोलने वाला नहीं है, कि तनख्वाह में रखे गए लोग बोलेंगे, संतोष पांडे के बयान पर कहा, वो लोहारीडीह चले जाएं, लोहारीडीह के मामले को संसद में कब उठाएंगे?

संघ प्रमुख मोहन भागवत के तीन बच्चे पैदा करें बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनकी बात तो कोई सुन नहीं रहा। वो कह रहे जमीन न खोदो, बीजेपी के लोग जमीन खुदवाने पर लगे हैं। रही बात तीन बच्चे पैदा करने की, उनके संगठन में अमल करें। संघ में बहुत से लोगों की शादी नहीं हुई है, उनकी शादी कराए और तीन बच्चे पैदा कराए। वैसे ज्यादा बच्चे पैदा करके क्या कर लेंगे? वैसे ही बेरोजगारी के हालात हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विशेषर पटेल की नियुक्ति पर खड़ा किया सवाल। कहा- जिसे रमन सरकार में हटाया गया उसे दोबारा अध्यक्ष बनाया गया। विशेषर पटेल के कार्यकाल में हुई थी सैकड़ों गायों की मौत, गौशालाओं में अनुदान घोटाला का आरोप लगा था।

नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ होने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि संविधान को भाजपा मानती नहीं है। संविधान में है कि 6 माह पहले चुनाव करा सकते है, 6 माह चुनाव टाल नहीं सकते। भाजपा में असंवैधानिक अध्यादेश जारी किया है। अब तक मतदाता सूची प्रकाशित नहीं कर पाए। अब तक आरक्षण तय नहीं कर पाए हैं। अब तक महापौर डायरेक्ट होगा या इनडायरेक्ट इसको तय नहीं कर पाए। सरकार निकाय चुनावों को टालना चाहती है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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