मारे गए 31 नक्सलियों में 11 महिलाएं भी शामिल,हथियारों का जखीरा बरामद

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को सबसे बड़ा झटका देते हुए सुरक्षा बलों ने रविवार को राज्य के बीजापुर जिले में भीषण मुठभेड़ में 11 महिलाओं समेत 31 नक्सलियों को मार गिराया। मुठभेड़ में दो सुरक्षाकर्मी की भी मौत हो गई और इतने ही घायल हुए।यह नक्सलियों के विरुद्ध पिछले दो वर्ष के भीतर दूसरी सबसे बड़ी सफलता है। चार अप्रेल 2024 को दंतेवाड़ा के थुलथुली में 38 नक्सली मारे गए थे।

वहीं रविवार को अभियान को पूरा करने फरसेगढ़, बेदरे, मद्देड की ओर से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) व बस्तर फाइटर के लगभग एक हजार जवान शनिवार को निकले थे और पूरी रात चलकर जंगल के भीतर लगभग 50 किमी अंदर घुसे और यह अभियान पूरा किया।

मुठभेड़ स्थल फरसेगढ़ से लगभग 40 किमी दूर पहाड़ी पर था। जवानों ने चारों ओर से पहाड़ी को घेरकर इस अभियान को पूरा किया, जिससे नक्सलियों को भागने का अवसर नहीं मिला। इस अभियान को पूरा करते हुए डीआरजी बल का जवान नरेश ध्रुव व स्पेशल टास्क फोर्स का जवान वसित रावटे बलिदान हो गए।

जवानों का मनोबल नहीं टूटा और वे लगातार प्रहार करते हुए एक के बाद एक नक्सलियों को ढेर करते गए। वायुसेना ने भी इसमें महत्वपूर्ण काम किया और घायल व बलिदानी जवानों को हेलीकाप्टर के माध्यम से आपरेशन के बीच सफलतापूर्वक निकाल ले आए।

बताया जा रहा है कि नक्सली पहाड़ी पर छिपे हुए थे, पर डीआरजी बल की रणनीति के आगे नक्सली घिरकर मारे गए। बस्तर में नक्सलियों के विरुद्ध लड़ाई में मिल रही सफलता में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के लड़ाकों को सबसे खतरनाक बल माना जाता है। रक्षा विशेषज्ञ डीआरजी को गुरिल्ला युद्ध में विश्व का सबसे कुशल बल मानते हैं।

रविवार को भी मुठभेड़ में डीआरजी के लड़ाकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। स्थानीय लड़ाकों से बने इस बल में कई आत्मसमर्पित नक्सली भी हैं और वे नक्सलियों की रणनीति को भी भली-भांति समझते हैं। यहीं कारण है कि डीआरजी इन दिनों नक्सलियों के विरुद्ध लड़ाई में सबसे खतरनाक सिद्ध हो रहा है।

छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 40 दिन के भीतर सुरक्षा बल ने मुठभेड़ में 87 नक्सली मारे हैं। इनमें 71 नक्सली बस्तर संभाग में हुए मुठभेड़ में मारे गए हैं, जिनमें से 65 नक्सलियों के शव पुलिस को मिले हैं। अन्य छह के मारे जाने की बात नक्सलियों ने स्वीकारी है।

यहां बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वर्ष 2026 तक नक्सलियों के समूल सफाया करने की बात कही है। इसके बाद से बस्तर में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को तेज किया गया है। पिछले दो माह के भीतर ही 12 से अधिक नये फारवर्ड ऑपरेटिंग बेस कैंप सीधे नक्सलियों के आधार क्षेत्र में खोले गए हैं। अब वहां से नक्सलियों के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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