
रायपुर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को छत्तीसगढ़ में करोड़ों की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए. इस दौरान उन्होंने पावर प्लांट का शिलान्यास भी किया। इसे लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है।

कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि जिस पावर प्लांट का शिलान्यास पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने अपने कार्यकाल में किया था, पीएम मोदी ने उसी प्लांट का ही फिर से शिलान्यास कर दिया है। इसे लेकर पूर्व सीएम बघेल ने सोशल मीडिया में भाजपा पर निशाना साधा, तो भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने पलटवार किया है।
पूर्व CM भूपेश बघेल ने X पर लिखा कि ‘कमाल करते हैं प्रधानमंत्री जी! अगर मेरे द्वारा शिलान्यास किए हुए थर्मल पॉवर स्टेशन का ही पुनः शिलान्यास करना था तो सूचना दे देते। मैं और 10-20 प्रोजेक्ट ऐसे बता देता जिनका फीता अब दोबारा काट सकते थे। प्रधानमंत्री आवास की चाबी भी आप उन हितग्राहियों को ही दे पाए जिनको पहली किस्त हमारी सरकार ने जारी की थी। इस प्रकार कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री जी को छत्तीसगढ़ में सिर्फ़ ‘मेमू ट्रेन’ को झंडी दिखाने के लिए बुलाया गया था। कथित ‘सुशासन’ इतना फुस्स निकला कि अपना एक काम न दिखा सका।’
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिमनानी ने किया पलटवार
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमित चिम्नानी ने भूपेश बघेल के पोस्ट पर पलटवार करते हुए लिखा कि ‘आपकी झूठ बोलने और भ्रमित करने की आदत गई नहीं ,प्रदेश को शर्मसार मत करिए ,सच्चाई ये है…
- 26 मार्च को पर्यावरण क्लीयरेंस मिली
- 27 मार्च को बोर्ड ने BHEL से इसके निर्माण के लिए कार्यादेश दिया.
- आज 30 मार्च को प्रधानमंत्री जी ने इसका कार्य प्रारम्भ किया.’
अपने एक और ट्वीट में भाजपा प्रवक्ता चिमनानी ने लिखा कि ‘हम काम में विश्वास रखते हैं, जनता को धोखा देने में नहीं। हमने मोदी जी की दी हुई हर गारंटी को पूरा किया है, छत्तीसगढ़ की जनता यह जानती है। हमने गरीबों को पक्के मकान की चाबी देकर उनका गृह प्रवेश कराया है ये शिलान्यास नहीं कार्य प्रारम्भ है, आप ठीक से देखते भी नहीं है।
NTPC ने किया ट्वीट
NTPC ने अपने ट्वीट में लिखा है कि ‘माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में NTPC की सीपत सुपर थर्मल पावर परियोजना चरण-III (1×800 मेगावाट) की आधारशिला रखी। इस परियोजना का निर्माण 9791 करोड़ रुपये के निवेश से किया जा रहा है, ताकि गृह राज्य छत्तीसगढ़ और अन्य लाभार्थी राज्यों जैसे गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा को सस्ती और विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति की जा सके।’