छत्तीसगढ़ के इस गांव में आजादी के बाद पहली बार मतदान, लाइन में खड़े दिखे लोग

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दो गांव के लोगों ने रविवार को पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान किया। यहां आजादी के बाद पहली बार लोगों ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का उत्तरदायित्व निभाया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सुकमा जिले के केरलापेंडा गांव के लोगों ने राज्य में चल रहे पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान कड़ी सुरक्षा के बीच वोट डाले।

इस दौरान लोग लाइन में खड़े दिखाई दिए। गांव की तस्वीरों में पुरुष और महिलाएं कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण तरीके से लाइन में खड़े होकर वोट डालने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। नक्सल प्रभावित गांव के लोगों ने इससे पहले कभी वोट नहीं डाला था। इसी तरह का नजारा सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में भी दिखा। यह गांव खूंखार नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव है। यहां के लोगों में मतदान को लेकर काफी उत्साह दिखा।यहां पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के दौरान सुरक्षा बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच गांव के लोग वोट डालने के लिए लाइन में आकर खड़े हुए ।

पहली बार नेताओं को सुनाई समस्याएं

एक मतदाता ने बताया, ‘मैंने पहली बार मतदान किया है। हमने पहले कभी मतदान नहीं किया था।’ एक अन्य निवासी ने बताया कि केरलपेंडा गांव के लोगों ने पहली बार राजनेताओं के सामने अपनी समस्याएं रखीं और आस-पास के गांवों के लोग भी मतदान करने पहुंचे। गांव के निवासी ने कहा, ‘यहां 75 साल बाद मतदान हो रहा है। आस-पास के गांवों के लोग भी वोट डालने पहुंच रहे हैं। मुझे खुशी है कि हम विकास की ओर बढ़ेंगे। यह पहली बार है जब हमें नेताओं के सामने अपनी मांगें उठाने का मौका मिला।’

गांव के एक और वोटर ने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि हम देश के लोकतंत्र के एक फैसले में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। हमारा गांव भी विकास की ओर आगे बढ़ेगा। हमें अपने नेताओं से बात करने और अपनी मांगों को रखने का यह पहली बार मौका मिला।

गांव के लोगों ने अपने नेता से रोजगार के मौके देने पर बातचीत की। इसके पहले 20 फरवरी को दूसरे चरण के चुनाव के समय उग्रवाद की घटनाओं में बड़ा इतिहास रखने वाले बीजापुर जिले के लोगों ने भी वोटिंग में भाग लिया। वोट देने के लिए लोग घने जंगलों और नदियों सहित बहुत से मुश्किल रास्तों से होकर, 70 किलोमीटर की दूरी का सफर तय करके भोपालपटनम गांव के वोटिंग सेंटर्स पर वोट देने के लिए पहुंचे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button