भाजपा नेताओं में साहस है तो घर-घर जाकर पूछे बिजली बिल बढ़ने से कितना नुकसान हुआ : सुशील आनंद शुक्ला

जीएसटी छूट से एक व्यक्ति को 135 रू. महिना फायदा होगा, बढ़े बिजली बिल से हर माह 1000 से 1800 का नुकसान होगा



रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा बाजारों में घूमकर जनता से जीएसटी राहत पर कितना फायदा हुआ पूछना बेशर्मी की पराकाष्ठा है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि 8 साल तक बेतहाशा जीएसटी लगाकर जनता को लूटा अब पूछ रहे कि कितना फायदा हुआ, जनता को यह भी बताये कि 8 साल में कितना लूटा। आंकड़े बताते है कि एक व्यक्ति जिसने साल में 3 लाख रू. खर्च किया है उसमें मोदी सरकार ने वर्तमान छूट के आधार पर लगभग 50 हजार रू. सालाना अतिरिक्त लूटा है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस माह प्रदेश की जनता का बिजली बिल बढ़ा हुआ आया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता घर-घर जाकर जनता से यह भी पूछने का साहस दिखाये कि इस बढ़े हुए बिजली बिल के कारण उनका कितना नुकसान हुआ है? कितना बिल बढ़ कर आया है। जीएसटी छूट के जो फायदे बताए जा रहे है उसके अनुसार एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति को महीने में 135 रू. का फायदा मिलेगा लेकिन बिजली बिल में एक मध्यम वर्गीय परिवार को औसतन 1000 से 1800 तक महीनें का नुकसान हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने जीएसटी के नाम पर पिछले आठ सालों में देश की जनता से 55 लाख करोड़ की लूट की है। अब भी जीएसटी की पांच दरें है। दो, तीन, पांच, अठारह एवं चालीस प्रतिशत 12 एवं 28 प्रतिशत को हटा कर 40 प्रतिशत कर दिया गया है जो अव्यवहारिक है। मोदी सरकार ने अलग-अलग 9 स्लैब से वसूली कर ‘गब्बर सिंह टैक्स’ लगाया था और 8 साल में 55 लाख करोड़ से ज्यादा वसूले। अब 2.5 लाख करोड़ के बचत उत्सव की बात कर के जनता को गहरे घाव देने के बाद मामूली बैंड ऐड लगाने की बात की जा रही है। जनता कभी नहीं भूलेगी कि उनके दाल, चावल, अनाज, पेंसिल, किताबें, इलाज, किसानों के ट्रैक्टर पर सबसे ज्यादा कर वसूला था। सरकार का जीएसटी के नाम पर बचत उत्सव मात्र ढोंग है इसकी जगह मोदी सरकार को माफी उत्सव मनाना चाहिए।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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