सरयू में आचार्य सत्येंद्र दास को दी गई जल समाधि, बैंड-बाजे के साथ निकली अंतिम यात्रा

अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को जल समाधि दे दी गई है। सरयू घाट पर उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। स्नान कराने के बाद उन्हें जल समाधि दी गई।

इससे पहले अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद और राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने भी श्रद्धांजलि दी। संत समाज के लोग भी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे।

उनका पार्थिव शरीर रथ पर रखा गया और बैंड-बाजा के साथ रवाना हो गया। उन्हें अंतिम बार प्रणाम करने अयोध्या के लोग गलियों में उमड़ पड़े। लोग उनके ऊपर पुष्पवर्षा करते हुए ले गए। सरयू के किनारे हजारों लोग अंतिम दर्शन के लिए खड़े हैं। पूरी जिंदगी प्रभु राम को समर्पित कर देने वाले आचार्य सत्येंद्र दास के निधन से अयोध्या में शोक की लहर है।

1992 में बने राम मंदिर के पुजारी

आचार्य सत्येंद्र दास साल 1992 से राम जन्म भूमि के मुख्य पुजारी बने। इससे पहले वो एक संस्कृत के शिक्षक थे। 1992 में जब वो राम जन्मभूमि के पुजारी बने उस दौरान भगवान राम टेंट में थे। जब बाबरी मस्जिद गिराया गया तो रामलला को लेकर वहीं भागे थे।आचार्य सत्येंद्र दास रामलला की सेवा बालक की तरह करते थे। आचार्य सत्येंद्र दास अपने पैसे से भगवान की सेवा करते थे। सत्येंद्र दास के परिवार में अब सिर्फ उनके भाई बचे हैं। पर्व-त्योहार पर वो अपने घर जाते थे।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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