1930 हेल्पलाइन को लेकर रायपुर पुलिस सख्त: बैंक शाखाओं में अनिवार्य चस्पा के निर्देश
लीगल डिपार्टमेंट में मोबाइल नंबर अनिवार्य, बार-बार खाता खोलने वालों की सूचना पुलिस को देने के निर्देश


रायपुर । रायपुर पुलिस रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री अमरेश मिश्रा के मार्गदर्शन में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह ने सिविल लाइन स्थित सी-04 भवन के सभागार में रायपुर के लीड बैंक मैनेजर और विभिन्न बैंकों के लीगल हेड अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक में साइबर अपराध, बैंकिंग सुरक्षा और ठगी के मामलों में त्वरित कार्रवाई हेतु समन्वित कार्य योजना पर चर्चा की गई।
बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक आजाद चौक ईशु अग्रवाल, उप पुलिस अधीक्षक क्राइम संजय सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली केशरी नंदन नायक, नगर पुलिस अधीक्षक सिविल लाइन रमाकांत साहू, उप पुलिस अधीक्षक नरेश पटेल, निशिथ अग्रवाल और लीड बैंक मैनेजर मोफिज मोहम्मद सहित प्रमुख बैंक प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
बैठक में निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष चर्चा हुई:
- साइबर ठगी के मामलों में पीड़ित को अन्य शाखा न भेजें, बल्कि टोल फ्री नंबर 1930 पर कॉल करने या साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर रिपोर्ट करने हेतु प्रेरित करें। सभी बैंक शाखाओं में 1930 नंबर का चस्पा अनिवार्य किया जाए।
- खाता खोलने वाले व्यक्ति का मोबाइल नंबर से भौतिक सत्यापन किया जाए, विशेषकर कॉर्पोरेट खातों में 15 दिन बाद पुनः पते का सत्यापन अनिवार्य हो।
- बैंक परिसर में CCTV कैमरे की अनिवार्यता, प्रवेश और पिछले हिस्से में कैमरा लगाने के निर्देश।
- संदेहास्पद ट्रांजेक्शन पर बैंक की प्रक्रिया, डिमांड ड्राफ्ट की पुष्टि के बाद ही राशि ट्रांसफर करने की सलाह।
- गांरेंटर की अनिवार्यता, बार-बार खाता खोलने वाले व्यक्तियों की पहचान कर पुलिस को सूचना देना।
- लीगल डिपार्टमेंट में एक अधिकारी और मोबाइल नंबर की नियुक्ति, ताकि स्थानांतरण के बाद भी संपर्क बना रहे।
- पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी तत्काल उपलब्ध कराना, ताकि जांच में बाधा न आए।
बैठक में यह भी तय किया गया कि पुलिस और बैंक मिलकर अपराधियों की पहचान, पीड़ितों को राहत और ठगी रोकने के लिए एक साझा कार्य योजना बनाएंगे। जानकारियों का त्वरित आदान-प्रदान और समन्वय से अपराध नियंत्रण को और प्रभावी बनाया जा सकता है।