आर्थिक नाकेबंदी करने वाली कांग्रेस आर्थिक लूट की महारथी:संजय श्रीवास्तव

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी पर कांग्रेस का विरोध सिर्फ सियासी ड्रामा है

रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच कार्रवाई तथा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेस द्वारा प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी को लेकर कहा है कि कांग्रेस ने अपनी सरकार रहते छत्तीसगढ़ के सरकारी खजाने की आर्थिक नाकेबंदी की थी ,शराब से मिलने वाले राजस्व में लूट कर सरकारी खजाने को लूटा।कोयले के अवैध परिवहन से सरकारी राजस्व को हानि पहुंचाई,इसके साथ ही कांग्रेस ने राज्य सरकार के हर राजस्व के श्रोत में लूट कर सरकार की आय की आर्थिक नाकेबंदी की थी और अब फिर इन सभी भ्रष्टाचारों में पर्दा डालने प्रदेश की जनता की आय की आर्थिक नाकेबंदी कर रही है।

भाजपा प्रदेश महामंत्री श्री श्रीवास्तव ने कहा कि आर्थिक नाकाबंदी भूपेश बघेल और उसके भ्रष्टाचारी साथी बहुत अच्छे-से जानते हैं। वास्तव में आर्थिक नाकेबंदी उनकी आर्थिक लूट है। जैसे सूर्यकांत तिवारी ने कोयले में की, जैसे अनवर ढेबर ने आर्थिक नाकेबंदी शराब में आर्थिक लूट की, जैसे सौम्या चौरसिया ने लूट और भ्रष्टाचार करके की, जैसे टुटेजा ने आर्थिक नाकाबंदी और लूट की, तो यह लोग आर्थिक लूट के महारथी लोग हैं, जो अब आर्थिक नाकाबंदी करने का सियासी ड्रामा करके अपने धत्कर्मों के लिक दबाव की राजनीति पर आमादा हैं।

संजय श्रीवास्तव ने कहा अब तक जितने लोग पकड़े गए , महीनों सालों से जिन्हें जमानत नहीं मिल रही है उन सब की गिरफ्तारी पर कांग्रेस और खास करके भूपेश बघेल ने शोर मचाया है जिस पर जनता कहती है चोर मचाए शोर।ये लड़ाई अब प्रदेश की जनता और कांग्रेस के बीच की है जनता के कांग्रेस के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जाकर भाजपा को जनमत दिया और आज भाजपा सरकार में भ्रष्टाचारियों पर जमकर कार्यवाही हो रही है और जांच भी चल रही है। प्रदेश की जनता को चुना लगाने वाले कितना भी बहाना मार ले बचेंगे नहीं।

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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