Panchang: अजा एकादशी की पूर्व संध्या पर जानिए आज का राहुकाल, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
सोमवार का दिन, भाद्रपद कृष्ण दशमी से एकादशी में प्रवेश: राहुकाल से सावधान रहें, शुभ कार्यों के लिए जानें श्रेष्ठ समय


राहुकाल क्या होता है और क्यों इससे बचना चाहिए
राहुकाल एक दैनिक समयखंड है जो राहु ग्रह की नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित होता है। यह काल शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है क्योंकि राहु भ्रम, विघ्न और अनिश्चितता का प्रतीक है। इस समय में कोई भी नया कार्य शुरू करने से सफलता में बाधा आ सकती है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से यह समय अशुभ माना गया है और इससे बचना ही श्रेयस्कर होता है।
आज का राहुकाल (18 अगस्त 2025, सोमवार)
- समय: सुबह 07:43 बजे से 09:19 बजे तक
- स्थान: भारत के मानक समयानुसार (IST)
राहुकाल में क्या नहीं करना चाहिए:
- नया व्यापार या सौदा शुरू करना
- यात्रा की शुरुआत
- विवाह, सगाई या गृह प्रवेश
- धार्मिक अनुष्ठान या पूजा आरंभ करना
राहुकाल में क्या किया जा सकता है:
- ध्यान, मौन साधना, मंत्र जाप
- पहले से चल रहे कार्यों को जारी रखना
- राहु ग्रह की शांति हेतु विशेष मंत्रों का जाप
आज के शुभ मुहूर्त
मुहूर्त | समय |
---|---|
ब्रह्म मुहूर्त | 04:32 AM – 05:20 AM |
अभिजीत मुहूर्त | 12:05 PM – 12:56 PM |
अमृत काल | 05:43 PM – 07:14 PM |
इन समयों में कोई भी शुभ कार्य जैसे पूजा, व्रत संकल्प, निवेश, यात्रा या नया कार्य आरंभ करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
आज का पंचांग (18 अगस्त 2025)
तत्व | विवरण |
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तिथि | भाद्रपद कृष्ण दशमी (05:22 PM तक), फिर एकादशी |
वार | सोमवार |
नक्षत्र | मृगशीर्षा (02:06 AM तक), फिर आर्द्रा |
योग | हर्षण (10:59 PM तक), फिर वज्र |
करण | वणिज → विष्टि → बव |
सूर्योदय/सूर्यास्त | 06:08 AM / 06:53 PM |
चंद्रमा | वृषभ राशि में, 02:40 PM के बाद मिथुन राशि |
आज का धार्मिक महत्व: अजा एकादशी की पूर्व संध्या
आज शाम 5:22 बजे के बाद अजा एकादशी की तिथि आरंभ होगी। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और मोक्ष प्राप्ति तथा पापों के नाश के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।
अजा एकादशी का महत्व:
- एक हजार गायों के दान के बराबर पुण्य
- मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति
- भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में शुभता का संचार
पूजा विधि:
- एक दिन पूर्व सात्विक भोजन और ब्रह्मचर्य का पालन
- अगले दिन स्नान कर व्रत संकल्प लें
- विष्णु पूजन, तुलसी पत्र अर्पण, मंत्र जाप
- रात्रि जागरण और भजन कीर्तन
निष्कर्ष
18 अगस्त 2025 का दिन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। राहुकाल में सावधानी बरतें और शुभ मुहूर्तों का लाभ उठाकर अजा एकादशी व्रत की तैयारी करें। यह दिन आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में शुभता लाने का श्रेष्ठ अवसर है।
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