पूर्व CM बघेल ने बजट को बताया निराशाजनक, बोले- बजट में कुछ नहीं है, खत्म हुआ ‘सिंगल माइक पॉडकास्ट’

रायपुर । छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय सरकार का दूसरा बजट वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने पेश किया। वित्त मंत्री ने 1 लाख 65 हजार 100 करोड़ का बजट पेश किया, जो पिछले साल की तुलना 12 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं इस बजट को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निराशाजनक बजट बताया है। उन्होंने बजट को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि ये बेहद निराशाजनक बजट है। इस बजट में कुछ नहीं है, ना किसानों के लिए कोई योजना है, ना बेरोजगारों के लिए कोई योजना है और ना ही महंगाई कम करने के लिए कोई कार्य योजना है।

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भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मोदी ने तो 500 रुपये में सिलेंडर देने की बात कही थी, उसके लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है। बजट में पिछली बार ज्ञान की बात कही गई थी, इस बार उस ज्ञान को गति देने की बात कहे जाने पर पूर्व सीएम ने कहा कि ज्ञान के हिसाब से कुछ काम नहीं हुआ है। अब गति की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी भी वही गति होगी, जो ज्ञान योजना की हुई।

वहीं वित्त मंत्री के बजट भाषण को लेकर भूपेश बघेल ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि ये बजट भाषण था या गणतंत्र दिवस का भाषण था या किसी कवि सम्मलेन की भूमिका थी? ये क्या था? ये जनता तो छोड़िए भाजपा के लोगों को खुद समझ नहीं आया होगा।

उन्होंने बजट को लेकर कहा कि न जनता के लिए कोई राहत, न किसान, युवा, महिला के लिए कोई घोषणा। उन्होंने कहा कि बेहद निराशाजनक और ‘सिंगल माइक पॉडकास्ट’ समाप्त हुआ।

 

Richa Sahay

ऋचा सहाय — पत्रकारिता और न्याय जगत की एक सशक्त आवाज़, जिनका अनुभव दोनों क्षेत्रों में अद्वितीय है। वर्तमान में The 4th Pillar की वरिष्ठ समाचार संपादक के रूप में कार्यरत ऋचा सहाय दशकों से राजनीति, समाज, खेल, व्यापार और क्राइम जैसी विविध विषयों पर बेबाक, तथ्यपूर्ण और संवेदनशील लेखन के लिए जानी जाती हैं। उनकी लेखनी की सबसे खास बात है – जटिल मुद्दों को सरल, सुबोध भाषा में इस तरह प्रस्तुत करना कि पाठक हर पहलू को सहजता से समझ सकें।पत्रकारिता के साथ-साथ ऋचा सहाय एक प्रतिष्ठित वकील भी हैं। LLB और MA Political Science की डिग्री के साथ, उन्होंने क्राइम मामलों में गहरी न्यायिक समझ और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण स्थापित किया है। उनके अनुभव की गहराई न केवल अदालतों की बहसों में दिखाई देती है, बल्कि पत्रकारिता में उनके दृष्टिकोण को भी प्रभावशाली बनाती है।दोनों क्षेत्रों में वर्षों की तपस्या और सेवा ने ऋचा सहाय को एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया है जो ज्ञान, निडरता और संवेदनशीलता का प्रेरक संगम है।

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